हालिया UKSSSC पेपर लीक प्रकरण: सुनियोजित तरीके से भर्ती परीक्षाओं को रद्द कराने और प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश।

Date:

Share post:

हालिया UKSSSC पेपर लीक प्रकरण: सुनियोजित तरीके से भर्ती परीक्षाओं को रद्द कराने और प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश।

*उत्तराखंड नकल विरोधी कानून 2023 और हालिया घटनाओं पर प्रमुख तथ्य*

*1. पृष्ठभूमि*

उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक का एक लंबा इतिहास रहा है।

युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कड़े कदम उठाए गए।

*2. नकल विरोधी कानून 2023*

वर्ष 2023 में उत्तराखंड सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया।

*मुख्य प्रावधान:*

आजीवन कारावास तक की सजा।

10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना।

नकल से अर्जित संपत्ति की ज़ब्ती।

परीक्षार्थियों पर भी कठोर दंड:

पहली बार दोषी पाए जाने पर: 3 वर्ष की कैद + न्यूनतम ₹5 लाख का जुर्माना।

दूसरी बार दोषी पाए जाने पर: 10 वर्ष की कैद + न्यूनतम ₹10 लाख का जुर्माना।

ऐसे अभ्यर्थियों को 10 वर्षों तक किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने से प्रतिबंध।

*3. कानून का सकारात्मक प्रभाव*

कानून लागू होने के बाद राज्य में सभी भर्तियाँ पूर्ण पारदर्शिता के साथ आयोजित की गईं।

पिछले 4 वर्षों में सभी परीक्षाएँ बिना गड़बड़ी के संपन्न हुईं।

इस दौरान 25,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली।

*4. हालिया UKSSSC पेपर लीक प्रकरण*

परीक्षा शुरू होने के तुरंत बाद 3 पेज प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुए।

*मुख्य आरोपी:* खालिद मलिक (स्वयं परीक्षा का उम्मीदवार)।

परीक्षा केंद्र में मोबाइल छुपाकर ले गया।

प्रश्नपत्र की फोटो लेकर अपनी बहन साबिया को भेजी।

साबिया ने ये प्रश्न असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजे, जिसने हल तैयार कर वापस भेजे।

*कार्रवाई:*

खालिद व साबिया मुख्य आरोपी, अन्य सहयोगियों की भूमिका की जांच।

सेक्टर मजिस्ट्रेट के. एन. तिवारी सहित जिम्मेदार पर्यवेक्षक निलंबित।

एक SIT गठित की गई है, जो उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में जांच कर रही है।

*लक्ष्य:* एक महीने के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करना।

*5. गहरी साजिश के संकेत*

इस घटना के पीछे जिहादी मानसिकता और कोचिंग-नकल माफ़िया गठजोड़ की संभावना।

सुनियोजित तरीके से भर्ती परीक्षाओं को रद्द कराने और प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश।

क्या केवल एक व्यक्ति द्वारा पेपर का वायरल होना ही “पेपर लीक” माना जाए, जबकि हजारों परीक्षार्थी निष्पक्ष रूप से परीक्षा दे रहे थे? यह भी विचारणीय है।

*6. सरकार का स्पष्ट संदेश*

सरकार किसी भी नकल माफिया या पेपर माफिया को बख्शेगी नहीं।

युवाओं के भविष्य के साथ कोई समझौता नहीं होगा।

उत्तराखंड में अब केवल मेहनत और मेरिट ही चलेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

उत्तराखंड को वर्षभर पर्यटन गंतव्य बनाने की धामी सरकार की रणनीति सफल

उत्तराखंड को वर्षभर पर्यटन गंतव्य बनाने की धामी सरकार की रणनीति सफल पर्यटन- तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए...

मुख्यमंत्री धामी देश के प्रथम गाँव माणा में आयोजित दो दिवसीय “देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव 2025” के समापन समारोह में पहुँचे

मुख्यमंत्री धामी देश के प्रथम गाँव माणा में आयोजित दो दिवसीय “देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव 2025” के समापन समारोह...

मुख्यमंत्री ने कहा परमवीर चक्र तथा अन्य पुरस्कार विजेताओं की पुरस्कार राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की गयी है

  मुख्यमंत्री ने कहा परमवीर चक्र तथा अन्य पुरस्कार विजेताओं की पुरस्कार राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की गयी है     मुख्यमंत्री...

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शासन में धर्मांतरण निवारण, अतिक्रमण ध्वस्तीकरण और विकास कार्यों ने पाई नई गति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शासन में धर्मांतरण निवारण, अतिक्रमण ध्वस्तीकरण और विकास कार्यों ने पाई नई गति। मुख्यमंत्री...